स्वास्थ्य पर मंडराता ख़तरा
अभी पता चला कि मेरे एक परिचित के 6 साल के बच्चे को ब्रेन हेमरेज हो गया है. कुछ महीने पहले 4 महीने के एक बच्चे की हृदयाघात से मृत्यु हुई थी. पिछले 1 साल में 30-35 साल के बहुत सारे परिचितों और जानी-मानी हस्तियों की हृदयाघात से मृत्यु हुई है. शुगर, बीपी, थायराइड जैसी बीमारियाँ आम होती जा रही हैं. रोग प्रतिरोधक क्षमता न के बराबर बची है.

स्वास्थ्य पर मंडराते इस ख़तरे के मुख्य तीन कारण हैं:
1. निष्क्रिय जीवनशैली 2. अनियमित निद्रा 3. कुपोषित भोजन

1. निष्क्रिय जीवनशैली: यह एक तथ्य है कि लगभग 90% लोग न तो नियमित रूप से कोई खेल खेलते हैं, न योग/व्यायाम करते हैं. साइकिल चलाना या पैदल चलना भी बहुत कम होता है. जिससे शरीर के कलपुर्जों में धीरे-धीरे जंग लगने लगती है. कार्यालय व शिक्षण संस्थानों में लिफ्ट लगी होती हैं, तो सीढ़ियाँ चढ़ना भी बंद. मेरे एक विश्वविद्यालय में तो कुछ बच्चे पहली मंज़िल पर जाने के लिए भी लिफ्ट का उपयोग करते थे.

2. अनियमित निद्रा: मोबाइल ने लोगों के जीवन को इस हद तक प्रभावित किया है कि रात को 2-3 बजे तक जागना आम बात होती जा रही है. देर से सोते हैं, देर से जागते हैं; इसके कारण सुबह की शुद्ध हवा और शांतिपूर्ण वातावरण से वंचित रह जाते हैं. इसलिए शरीर और मन में न स्फूर्ति होती है, न ताज़गी. फिर पूरा दिन थका हुआ, बोझिल सा बीतता है.

3. कुपोषित भोजन: लोगों की जीभ इतनी लपलपाती है कि दिन भर उन्हें कुछ न कुछ खाने के लिए चाहिए, मानो पेट पेट न हुआ कचरे का डब्बा हो गया. जब, जहाँ, जैसे, जो मिला, पेट में डाल दिया. इसके अलावा महीनों पुराने पैकेज्ड फूड और ठण्डे पेय पदार्थ, जिनमें पोषण नाम की कोई चीज़ रहती ही नहीं, मज़े से खाए पिए जाते हैं.

इन सब कारणों पर तुरंत विचार कर जीवनशैली को बदलने की आवश्यकता है. वरना कहीं देर न हो जाए.